नवरात्रि में अस्त हुए बृहस्पति, इन 3 राशियों पर भारी रहेगा अगला एक महीना

ज्योतिष शास्त्र में इस ग्रह को सुख, सौभाग्य, यश, वैभव, धन और बुद्धि का कारक माना जाता है. जब भी गुरु किसी राशि में अस्त होते हैं तो शुभ और मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है. अस्त होने पर गुरु की शक्तियां क्षीण हो जाती हैं और उनकी शुभता का प्रभाव घटने लगता है.

चैत्र नवरात्रि के पावन दिन चल रहे हैं और देव गुरु बृहस्पति आज स्वराशि मीन में अस्त हो गए हैं. गुरु आज सुबह करीब साढ़े 9 बजे मीन राशि में अस्त हुए थे. अब बृहस्पति 22 अप्रैल को मेष राशि में गोचर करेंगे और 27 अप्रैल को उनका उदय हो जाएगा. ज्योतिष शास्त्र में इस ग्रह को सुख, सौभाग्य, यश, वैभव, धन और बुद्धि का कारक माना जाता है. जब भी गुरु किसी राशि में अस्त होते हैं तो शुभ और मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है. अस्त होने पर गुरु की शक्तियां क्षीण हो जाती हैं और उनकी शुभता का प्रभाव घटने लगता है. आइए जानते हैं कि इस बार अस्त गुरु किन राशियों को नुकसान दे सकते हैं.

मेष राशि- आपकी राशि में गुरु द्वादश भाव में अस्त हुए हैं. गुरु के अस्त होने से पिता के साथ आपके संबंध बिगड़ सकते हैं. पिता के सुखों में कमी हो सकती है. बेवजह यात्राओं पर जाना पड़ सकता है. भाग्य का साथ न के बराबर मिलेगा. शुभ फलों की प्राप्ति मुश्किल से होगी. अच्छे परिणाों के लिए आपको खूब मेहनत करनी होगी. इस अवधि में आपको स्वास्थ्य का भी विशेष ध्यान रखना है. बेवजह के का तनाव भी आपको घेर सकता है.

सिंह राशि- बृहस्पति आपकी राशि के आठवें भाव में अस्त हुए हैं. गुरु के अस्त होते ही आपकी धार्मिक कार्यशैली प्रभावित होगी. पूजा-पाठ से मन चुराएंगे. परिवार में लड़ाई-झगड़ों की संभावना बनी रहेगी. आलस्य छाया रहेगा. ससुराल पक्ष से लेन-देन के चलते झगड़े बढ़ सकते हैं. गुरु के अस्त होने का असर आपके रिश्तों पर भी पड़ेगा. पढ़ाई-लिखाई करने वाले छात्रों की एकाग्रता भंग हो सकती है. अच्छे परिणामों के लिए आपको 22 अप्रैल तक इंतजार करना पड़ सकता है.

कुंभ राशि- बृहस्पति आपके राशि के दूसरे भाव यानी वाणी और परिवार के भाव में अस्त हुए हैं. आपकी वाणी में कठोरता के चलते रिश्ते बिगड़ सकते हैं. आय के साधनों पर बुरा असर होगा. खर्चों में इजाफा हो सकता है. दुर्घटनाओं की संभावना बनेगी. ऐसे में आपको सावधानी के साथ वाहन चलाने की सलाह दी जाती है. यदि आप प्रॉपर्टी में निवेश करने के बार में सोच रहे हैं तो फिलहाल 27 अप्रैल तक रुक जाइए. गुरु की अस्त अवधि में किया गया निवेश केवल नुकसान देगा.

अस्त गुरु के उपाय
यदि अस्त होने के बाद बृहस्पति ग्रह आपको अशुभ परिणाम देने लगे तो कुछ विशेष उपाय जरूर कर लें. ज्योतिषविद से सलाह लेकर बृहस्पति का रत्न पुखराज धारण करें. आप चाहें तो सुनहला रत्न भी धारण कर सकते हैं. साथ ही, आप अपने माता-पिता, गुरुजन और अन्य पूज्यनीय व्यक्तियों के प्रति आदर व सम्मान का भाव रखें. उनकी सेवा करें और आशीर्वाद लें. इससे आपको सौभाग्य का वरदान प्राप्त होगा और धन, करियर व सेहत से जुड़ी समस्याएं भी नियंत्रित होंगी.

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